ज़िंदगी जंग है
तरही गजल
2122 1212 22
ज़िंदगी जंग है सँवरता हूँ l
मुश्किलों पे भी मैं निखरता हूँ ll
तू वफ़ा कर या तो फ़ना कर दे l
आज दिल तेरे नाम करता हूँ ll
मेरी चाहत मेरे खुदा हो तुम l
तेरी रुसवाइयों से डरता हूँll
वो किसी और की मुहब्बत हैl
बावरा हूँ जो उसपे मरता हूँ ll
सुन ले यारा जफ़ा न कर कोई l
मैं लड़कपन से तुमपे मरता हूँl
वो सनम क्या खयाल है दिल का l
आशिकी मैं तुम्हीं से करता हूँ ll
✍दुष्यंत कुमार पटेल