ज़ादू तेरी अदाओं में
दीवानापन-सा लगता है,चंचल तेरी निगाहों में।
मुझको खींचें जाती हैं ये,ज़ादू तेरी अदाओं में।।
चलना हँसना बातें करना,
मन यौवन की ख़ुमारी है।
सागर जैसी इन आँखों में,
कहदो सूरत हमारी है।
नखरे छोड़ो दिल तुम जोड़ो,आ भी जाओ पनाहों में।
मुझको खींचें जाती हैं ये,ज़ादू तेरी अदाओं में।।
नीली आँखें बिखरी ज़ुल्फ़ें,
होठों का गुलाबीपन।
मस्ती-सी है रुख़सारों में,
क़ातिल है ज़वाबीपन।
दौड़ी आओ ना शरमाओ,माँगा है दुआओं में।
मुझको खींचें जाती हैं ये,ज़ादू तेरी अदाओं में।।
फूलों जैसी ख़ुशबू तन की,
मन मधुबन तुम्हारा है।
कोरे काग़ज़-सा है दिल तो,
लिखना नाम हमारा है।
तेरी मेरी जोड़ी प्यारी,चर्चा ये हवाओं में।
मुझको खींचें जाती हैं ये,ज़ादू तेरी अदाओं में।।
दीवानापन-सा लगता है,चंचल तेरी निग़ाहों में।
मुझको खींचें जाती हैं ये,ज़ादू तेरी अदाओं में।।
आर.एस.प्रीतम
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