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21 May 2018 · 1 min read

ज़लवा दिखाओ तो जाने

ज़लवा दिखाओ तो जाने

***

आज भी पहले सा मुस्कराओ तो जाने
फिर से वही ज़लवा दिखाओ तो जाने !!

मुहब्बत को तरस गयी है प्यासी निगाहें
फिर उसी मंज़र से गुजर जाओ तो जाने !!

लुटे थे, लुटे है, लुटते रहेंगे सदा हम
फिर से वही अदा बिखराओ तो जाने !!

न उम्र की सीमा न जन्मो का बंधन ज़माना कहता है,
अगर ये जुमला साबित करके दिखलाओ तो जाने !!

हर एक दौलत से बड़ी होती है मुहब्बत कि दौलत
फिर से लुटाकर हमें मालामाल कर जाओ तो जाने!!

!

डी के निवातिया

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