ज़न्नत की चाभी तुम्हारे पास है।
सुना है ज़न्नत की चाभी तुम्हारे पास है।
क्या ले चलोगे हमें भी अपने साथ हमतो यूँ भी तुम्हारे खास है।।1।।
अहसान मानेंगें तुम्हारा हम तमाम उम्र।
गर दिखाओगे प्यारा नज़ारा हमको जो फिरदौस ए खास है।।2।।
यूँ तो नेकी बदी के हिसाब से जातें है।
अब क्या बताये हम तुमको थोड़ी कम नेकियां हमारे पास है।।3।।
सुना है वह जगह है बस खुशियों की।
फैला है वहाँ हर सम्त सुकूँन ना गम की कोई काली रात है।।4।।
भीड़ तो बहुत लगी है जाने वालों की।
पर जायेगा वही जिसके पास प्यारे नबी मुहम्मद का साथ है।।5।।
सारी जिंदगी तिश्नगी में बीती है हमारी।
सुना है ज़न्नत में बुझती है हर किसी की हो कैसी भी प्यास है।।6।।
एक ही सफ में देखा अमीर गरीब को।
पियेगा वो ज़ाम ए कौसर जिसके सर पर नेकियों का हाथ है।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ