Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

उधर अगर लब पर मुस्कान
इधर बसा अन्दर तूफान।
मीत मोम-सा, अजब विलोम
खींचे बनकर खंजर प्रान।
वो छू ले तो हो झंकार
पा जाते हैं पत्थर जान।
देती एक अलौकिक हर्ष
अगर नज़र हो अधर समान।
आज कहे क्या मन की ‘राज’
सिर्फ प्रेम का मंतर ध्यान।
+रमेशराज

273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
अन्तस के हर घाव का,
अन्तस के हर घाव का,
sushil sarna
आज कल...…... एक सच
आज कल...…... एक सच
Neeraj Agarwal
जीवन सबका एक ही है
जीवन सबका एक ही है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
True love
True love
Bhawana ranga
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
दिखावटी मदद..!!
दिखावटी मदद..!!
Ravi Betulwala
राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ध्यान रखना■
■ध्यान रखना■
*प्रणय*
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
"महसूस"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
*साथ तुम्हारा मिला प्रिये तो, रामायण का पाठ कर लिया (हिंदी ग
*साथ तुम्हारा मिला प्रिये तो, रामायण का पाठ कर लिया (हिंदी ग
Ravi Prakash
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो चलो शिव के दरबार
चलो चलो शिव के दरबार
gurudeenverma198
ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।
ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।
Neelofar Khan
3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
हक़ीक़त से वाक़िफ़
हक़ीक़त से वाक़िफ़
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
Shriyansh Gupta
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
अधिकतर ये जो शिकायत करने  व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
अधिकतर ये जो शिकायत करने व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
Pankaj Kushwaha
Keep On Trying!
Keep On Trying!
R. H. SRIDEVI
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
Krishna Manshi
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
Loading...