ग़ज़ल
हमने जब वादा किया तो मुस्कुरा देने लगे
दोस्ती में वो मुझे इक तोहफा देने लगे |
इस जमाने के दिए झटके सभी हमने सहा
जख्म जो तुमने दिया था, बेदना देने लगे |
कार बस के काफिले से ध्वस्त यातायात जब
बंद रस्ते खोल रक्षी रास्ता देने लगे |
हादसा के पीडितों ने तो गँवाया जान खुद
फायदा क्या प्रतिकरण जो दूगुना देने लगे |
शत्रु है दिनमान सबके, जुगनू हो या चिराग
शुर्मयी निशि को चिरागें जगमगा देने लगे |
दोस्ती अच्छी अगर है तो ज़माना आपका
मैं हुआ बेचैन यारा हौसला देने लगे |
कालीपद ‘प्रसाद’