$ग़ज़ल
बहरे रमल मुसद्दस सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122/2122/2122
सुब्ह-शब सब नाम तेरे कर दिये हैं
ग़म चुरा मंज़र ख़ुशी से भर दिये हैं/1
आपको जानां मुहब्बत रास आए
फैसले के हक़ तुम्हें वो हर दिये हैं/2
पाक चाहत चाहते हैं हर घड़ी हम
उड़ सको दिल के गगन में पर दिये हैं/3
आप आए ज़िंदगी में ताज़गी है
आपने उल्फ़त भरे वो दर दिये हैं/4
रूह की आवाज़ मेरी प्यार हो तुम
धड़कनों ने मुस्क़रा उत्तर दिये हैं/5
भूल जाएँ क़िस्मत को यार कैसे
आज जिसने ये ठिकाने घर दिये हैं/6
मतलबी तो हम नहीं ‘प्रीतम’ कभी से
प्यार बदले प्यार के जो ज़र दिये हैं/7
# आर.एस. ‘प्रीतम’
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