ग़ज़ल
हमने पहली बार लिखा है
दिल पर तेरा नाम लिखा है ।।
नाम तेरे औ दिलबर हमने
अपने सुबहो-शाम लिखा है II
प्रेम की पाति पे अंसुवन से
बस तुझको पैगाम लिखा है ।।
हों छुप-छुप कर तेरी बातें
मौसम ने अहसास लिखा है ।।
धूप खिली तो मन की ज़मी
और नमी ने खास लिखा है।।
शब्द “ग़ज़ल”सन्दल की खुशबू
नयन छलकता जाम लिखा है ।।
सविता वर्मा “ग़ज़ल”