ग़ज़ल
ग़ज़ल
आ के इक बार , दिल से न जाये कोई !
किसने छोड़ा है ,दिल को बताये कोई !
सब को हक है कहो ,बात अपनी मगर ,
शांत मन से सुनो , जब सुनाये कोई !
नींद भी ,चैन भी , साथ वो ले गया ,
जिस तरह हम लुटे दिल न लुटाये कोई !
है कहाँ वो जगह ,जहाँ पे नहीं है खुदा,
वो वहीं है , जहाँ भी बुलाये कोई !