Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

सारे शहर में चर्चा ये सरेआम हो गया
दोस्ती से ऊपर हिंदू इस्लाम हो गया

खड़ी कर दी मज़हब की दीवार तो सुन
अब भगवान मेरा परशुराम हो गया

गिरे हो तुम जबसे मेरी इन नज़रों में
तेरी नज़रों में काफ़िर मेरा नाम हो गया

कामयाबी मिल सकती थी तुझको लेकिन
नापाक था साजिश तेरा जो नाकाम हो गया

अजायबघरों में रखा ताज गर तेरा है
समझ ले भयानक तेरा अंजाम हो गया

लिखे शे’र मां पर तो तुझे मिली शोहरतें
किया तौहीन औरतों की बदनाम हो गया

दिखा नहीं जो कुछ दिनों तक अख़बारों में
तूने समझा कि ‘कौशिक’ गुमनाम हो गया

:- आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में दर्जनों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com

2 Likes · 2 Comments · 265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आसान कहां होती है
आसान कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ Rãthí
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
Mahender Singh
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
करने लगा मैं ऐसी बचत
करने लगा मैं ऐसी बचत
gurudeenverma198
■ पांचजन्य के डुप्लीकेट।
■ पांचजन्य के डुप्लीकेट।
*Author प्रणय प्रभात*
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
Perhaps the most important moment in life is to understand y
Perhaps the most important moment in life is to understand y
पूर्वार्थ
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
दिल चाहे कितने भी,
दिल चाहे कितने भी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
फ़ब्तियां
फ़ब्तियां
Shivkumar Bilagrami
मैने वक्त को कहा
मैने वक्त को कहा
हिमांशु Kulshrestha
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
Kishore Nigam
आज की राजनीति
आज की राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेरोजगारी।
बेरोजगारी।
Anil Mishra Prahari
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
*हिन्दी बिषय- घटना*
*हिन्दी बिषय- घटना*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
क्रूरता की हद पार
क्रूरता की हद पार
Mamta Rani
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
कवि दीपक बवेजा
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
Seema gupta,Alwar
*राजा और रियासतें , हुईं राज्य सरकार (कुंडलिया)*
*राजा और रियासतें , हुईं राज्य सरकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
Loading...