Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

तक़दीर में केवल खुशियां कब आती हैं
सच्चे प्यार में परेशानियां सब आती हैं

छुपा ना रहे जब राज़ कोई दरमियां
मोहब्बत में गहराइयां तब आती हैं

सोचा भूल गया तुझसे बिछड़के लेकिन
तेरे संग गुजारी शामें याद अब आती हैं

फैल जाती है खुशबू सारी फ़िज़ाओं में
तेरे तन को छूकर हवायें जब आती हैं

………………..

:- आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में दर्जनों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com

2 Likes · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
sushil sarna
बचपन का प्रेम
बचपन का प्रेम
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
विरह
विरह
नवीन जोशी 'नवल'
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
gurudeenverma198
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
दशमेश के ग्यारह वचन
दशमेश के ग्यारह वचन
Satish Srijan
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
Keep yourself secret
Keep yourself secret
Sakshi Tripathi
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
'अशांत' शेखर
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
DrLakshman Jha Parimal
देह अधूरी रूह बिन, औ सरिता बिन नीर ।
देह अधूरी रूह बिन, औ सरिता बिन नीर ।
Arvind trivedi
भोले
भोले
manjula chauhan
मेरी बात अलग
मेरी बात अलग
Surinder blackpen
हंसी मुस्कान
हंसी मुस्कान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन का एक चरण
जीवन का एक चरण
पूर्वार्थ
■ एक मुक्तक...
■ एक मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
Vishal babu (vishu)
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इश्क़
इश्क़
लक्ष्मी सिंह
"सुनो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मैने नहीं बुलाए
मैने नहीं बुलाए
Dr. Meenakshi Sharma
कौन किसके बिन अधूरा है
कौन किसके बिन अधूरा है
Ram Krishan Rastogi
रंगीला बचपन
रंगीला बचपन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...