#ग़ज़ल-46
बहर-फ़ाइलातुन मुफ़ाईलुन फ़ेलुन
2122 1212 22
आपकी याद इस तरह आई
ये हवा ज्यों गुलाब छू आई/1
रातभर सोचता रहूँ ना मैं
आँख सपना तिरा सज़ा लाई/2
दूरियाँ-दूरियाँ नहीं होती
चाहतें जब बने न हरजाई/3
हम सदा मिल रहें यही चाहा
दो दिलों को मिले न तन्हाई/4
आ मिलें हम गले करें वादा
हो न दिल में कभी ज़रा खाई/5
प्रीत सजके मिटे नहीं प्रीतम
ज्यों तनों से हटे न परछाई/6
-आर.एस. “प्रीतम”