ग़ज़ल/रो धोकर ही सही ख़ुश रहेंगे
गर तुम भी ख़ुश रहोगे तो हम भी ख़ुश रहेंगे
हर हाल में रहेंगे ,रो धोकर ही सही ख़ुश रहेंगे
जो चाहे मरासिम दरमियाँ रखना, दुआ रखना
इक तुम्हारें ज़िन्दगी में होने से हम भी कुछ रहेंगे
अब हम ना कभी इज़हारे मोहब्बत करेंगे बुलबुल
तुझे ख़ुश करेंगे जैसे भी करेंगे कभी गुमसुम रहेंगे
तुझें मालूम है ,तेरी हँसीं से हमें ज़िन्दगी मिलती है
तेरी ज़िन्दगी जियेंगें ऐ ज़िन्दगी कहीं भी ख़ुश रहेंगे
तू ज़िन्दगी में है वल्लाह चाहे किसी भी क़िरदार में है
इस तरहा हमारे कुछ अपने करम भी सचमुच रहेंगे
अब कुछ ना छुपाना दर्द ग़म उदासियाँ तू हमसे कहना
जो चाहे समझ हम तेरे कुछ कुछ रहकर भी सबकुछ रहेंगे
~अजय “अग्यार