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1 Jun 2018 · 1 min read

#ग़ज़ल-51

चाँद भी फीका लगे है,है ग़ज़ब दीदार
देखके दिल दे दिया रे,हो गया है प्यार/1

झूम बाँहों में समा जा,चैन आए यार
देख तू करना नहीं अब,भूल से इन्कार/2

नूर आँखों से झरे है,चुप लबों से प्यार
बात ख़ुशबू-सी लिए हैं,सब अदा शृंगार/3

चाल खींचे है नज़र ये,सुन नज़र ये ध्यान
तीर यौवन का हुआ है,रे ज़िग़र के पार/4

साथ तेरा जो मिले गर,भूल जाऊँ ख़ार
हो घना आनंद फिर,हार जाए हार/5

है कमल-सी ख़ूबसूरत,ये हँसी की धार
धूप-सी लगती सुहानी,देख लूँ हर बार/6

प्रीत प्रीतम की सजेगी,बात होंगी खोल
पाठ जीवन का बनूँ मैं,तू बनेगी सार/7

-आर.एस.’प्रीतम’

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