ग़ज़ल- दर्द देकर मुझे जुदाई का
दूर जाने की बात करते हो
क्यूँ रुलाने की बात करते हो
दर्द देकर मुझे जुदाई का
गुनगुनाने की बात करते हो
प्यार मेरा नहीं ये औरों सा
क्यूँ ज़माने की बात करते हो
दिल में रहना नहीं हुआ मुमकिन
आशियाने की बात करते हो
कैसे ‘आकाश’ ये बचे रिश्ता
आजमाने की बात करते हो
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/05/2021