ग़ज़ल- जज़्बात से खेला…
ग़ज़ल- जज़्बात से खेला…
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जज़्बात से खेला मुझे बीमार है किया
शिद्दत से हाय मैंने जिसे प्यार है किया
जिसने कहा कि प्यार ये बिकता नहीं कभी
उसने ही रोज़ दिल का कारोबार है किया
था खुद से भी ज्यादा यकीं जिसकी जुबान पर
उसने ही मेरी जिंदगी को ख़ार है किया
जिसकी वजह से आ गया सबकी निगाह में
उसकी निगाह ने ही तिरस्कार है किया
“आकाश” उसके प्यार का भूखा हूँ आज भी
जिसने ज़लील मुझको कई बार है किया
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 22/10/2019