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28 Feb 2020 · 1 min read

ग़ज़ल- गुलशन में कंगाली है…

गुलशन में कंगाली है।
माली ही तो जाली है।।

अच्छे दिन कब आयेंगे।
हर घर में बदहाली है।।

भूख मिटेगी कैसे अब।
थाली ही तो खाली है।।

तांडव हाकिम मचा रहा।
मातम फाग दिवाली है।।

मन की बातें बंद करो।
लगती हमको गाली है।।

अरविंद राजपूत ‘कल्प’

1 Like · 537 Views
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