ग़ज़ल- कौन दिल की आवाज सुनता है
ग़ज़ल- कौन दिल की आवाज सुनता है
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
पैसे की ही वो आज सुनता है
कौन दिल की आवाज सुनता है
°°°
जिसने लोगों में डर किया पैदा
बातें उसकी समाज सुनता है
°°°
जो भी दिल से करे अदा यारों
रब तो उसकी नमाज सुनता है
°°°
ये तो जनता है इसकी आहों को
कब कहाँ पर ये ताज सुनता है
°°°
मेरा दिल तो महज तेरे दिल का
जब भी बजता है साज सुनता है
°°°
आज ”आकाश” दिल की कह तो दूं
पर तू हो के नाराज सुनता है
– आकाश महेशपुरी