ग़ज़ल/ऐ जाने ज़िगर
किसी ने तेरे होंठो से तेरा पता लगाया
किसी ने तेरी आँखों से तेरा पता लगाया
किसी ने गेसुओं से,किसी ने चिलमन से
किसी ने तेरे बाजुओं से तेरा पता लगाया
कोई तेरी आवाज़ पे आफ़रीन कह बैठा
किसी ने तेरे लिबासों से तेरा पता लगाया
किसी किसी ने तुझे आईना भी कह दिया
किसी किसी ने तेरे जिस्म से तेरा पता लगाया
कोई तेरी शौहरत पे मर गया कोई दौलत पे
जाने कितनों ने तेरी हस्ती से तेरा पता लगाया
ऐ जाने ज़िगर हमनें तो तुझ से दिल लगाया
तेरे दिल से ही फ़कत हमनें तेरा पता लगाया
~अजय “अग्यार