ग़ज़ल- अश्क़ बहते रहे रातभर…
ग़ज़ल- अश्क़ बहते रहे रातभर…
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अश्क़ बहते रहे रातभर याद है
इश्क़ में दर्द का वो सफर याद है
जिस जगह पर मुझे छोड़कर तुम गये
आज भी वो क़सम से डगर याद है
राह तकता रहा इक झलक के लिए
और जलती रही दोपहर याद है
मैं तुझे देर तक देखता ही रहा
तुमने देखा नहीं इक नज़र याद है
टूटकर प्यार “आकाश” मैंने किया
पर सनम तुम रहे बेख़बर याद है
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 14/05/2020