ग़र वो है बेवफ़ा बेवफ़ा ही सही
प्यार कर के जो तुझसे खता मैंने की,
तो ये दिल कह रहा है खता ही सही।
बड़ा मासूम दिलकश मेरा यार है,
ग़र वो है बेवफ़ा बेवफ़ा ही सही।।
प्यार कर के जो तुझसे खता मैंने की,
तो ये दिल कह रहा है खता ही सही।
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मैंने दिल को मेरे उसके नाम की,
सजदे सर को झुका उसकी की बंदगी।
उसके चेहरे में मैं ढूंढता हूँ खुदा,
काफिराना है तो मैं काफ़िर ही सही।।
प्यार कर के जो तुझसे खता मैंने की,
तो ये दिल कह रहा है खता ही सही।
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खोया रहता हूँ यादों में उसकी सदा,
अब तलक कर रहा हूँ मैं उससे वफ़ा।
हाल-ए-दिल का मेरे उसको कुछ ना खबर,
ग़र वो है बेखबर बेखबर ही सही।।
बड़ा मासूम दिलकश मेरा यार है,
ग़र वो है बेवफ़ा बेवफ़ा ही सही।।
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मेरी साँसों में है उसकी खुशबू बसी,
क्या हुआ बेवफाई जो उसने है की।
घायल तीर-ए-नज़र से किया था कभी,
ग़र कातिल है वो तो कातिल ही सही।।
प्यार कर के जो तुझसे खता मैंने की,
तो ये दिल कह रहा है खता ही सही।
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मुझको जन्नत की ख़्वाहिश ज़रा भी नहीं,
दम निकलने से पहले मिले वो कहीं।
हयात बक्श से दिलाए तेरी उल्फ़त निजात,
तू मेरा तो हुआ मैं तेरा ना सही।।
बड़ा मासूम दिलकश मेरा यार है,
ग़र वो है बेवफ़ा बेवफ़ा ही सही।।
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✍️✍️✍️✍️✍️ by :
Mahesh Ojha
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