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8 Oct 2020 · 1 min read

ख़्वाब आँखों में सजे उसको दिखाऊँ कैसे

ख़्वाब आँखों में सजे उसको दिखाऊँ कैसे
हैं जो ज़ज़्बात मुहब्बत के बताऊँ कैसै

तेरे आने की ख़ुशी आज मनाऊँ कैसे
तेल-बाती भी नहीं दीप जलाऊँ कैसे

जो वफ़ादार हुये वो ही वफ़ा के दुश्मन
ऐसे किस्से भी बहुत सबको सुनाऊँ कैसे

फ़ासला भी जो रहा और न मौका ही मिला
प्यार कितना है मेरे दिल में बताऊँ कैसे

रंजोग़म की हो कोई बात कहूँ कैसे मैं
प्यार जिससे है बहुत उसको रुलाऊँ कैसे

एक मुद्दत से मेरे दिल में लगी आग है जो
उसको किस आब से इसबार बुझाऊँ कैसे

मेरी कश्ती जो भँवर में है फंसी उसको तो
आज बाहर मैं भंवर से भी तो लाऊँ कैसे

बच तो आया हूँ ज़माने से बहुत अच्छा है
ख़ुद से ख़ुद को ही मगर आज बचाऊँ कैसे

प्यार में कह तो दिया चाँद-सितारे ला दूँ
बाद ‘आनन्द’ कहे आज मैं लाऊँ कैसे

– डॉ आनन्द किशोर

3 Likes · 186 Views
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