ख़ामोशी
ख़ामोशी……
जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर
चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी।
अब कोई आवाज़ न करना,
चुप रहना
एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से
तेरे लबों से छूट गया
और गिर कर फर्श पे छन से टूट गया तो
तड़प तड़प कर मर जाएगी ख़ामोशी,,,,
ख़ामोशी……
जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर
चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी।
अब कोई आवाज़ न करना,
चुप रहना
एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से
तेरे लबों से छूट गया
और गिर कर फर्श पे छन से टूट गया तो
तड़प तड़प कर मर जाएगी ख़ामोशी,,,,