ख़बरदार !
एक शख्स ने जब मुझसे मेरा मज़हब पूछा ? तो मैंने कहा मैं हिंदुस्तानी हूं !
उसने कहा क्या आप हिंदू हैं ? मुस्लिम हैं? सिक्ख हैं ; या ईसाई? या किसी और मज़हब को मानते हैं ?
मैंने कहा मैं हिंदुस्तानी हूं मैं सब मज़हब को मानता हूं !
मेरा किसी मज़हब को ना मानने का सवाल ही नहीं पैदा होता है !
हिंदुस्तान की सरज़मी पर हर एक वतनपरस्त मज़हबी का हक़ है, सभी इसकी पैदाइश हैं !
अवाम के इब़ादत करने के तरीके जुदा जुदा हो सकते हैं पर इसका मतलब ये नहीं है वो हिंदुस्तानी नहीं हैं !
हर हिंदुस्तानी का दिल उसके वतन के लिए धड़कता है ! जिसका एहसास उसकी क़ौमी- यकज़हती में होता है !
कहीं तुम दिलों मे शक पैदा कर भाइयों में आपसी फूट तो.पैदा नहीं करना चाहते ?
तो खबरदार हो जाओ ! अब तुम्हारे झांसे में कोई आने वाला नहीं जिसे बरगला कर तुम अपना उल्लू सीधा कर सको !
हर हिंदुस्तानी अपने कौम की हिफ़ाज़त कर सकता है , और उस पर मर मिटने का जज़्बा रखता है !
अवाम को मजहब , फिरकों और तबको में बांटकर अपने जाती फायदे के लिए सियासत करने वालों !
संभल जाओ ! नेक नीयती में दिल लगाओ !
वरना अवाम तुम सबको जड़ से उखाड़ फैकेगी !
गली के कुत्तों की तरह भटकोगे ! तुम्हें एक रोटी भी भीख में नसीब ना होगी !