Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2020 · 1 min read

क़दम क्यूँ ठहर जाते हैं…

क़दम क्यूँ ठहर जाते है…
गली से जब वो गुज़रते हैं…क़दम क्यूँ ठहर…2

डर में जब सहमे रहते थे…
वो हमसे इश्क़ कर बैठे…डर में जब सहमे रहते थे…2
हमारी उम्र भी क्या थी…
फ़िर भी वो प्यार कर बैठे…..2

अपनी ही अदा में खोए थे सनम,
अदा भी उनकी निराली थी,
जिसे हम समझ बैठे शबनम,
वो बेमौसम की हरियाली थी ।

आज फ़िर दिन ये बदला है…
बदला मौसम का नज़ारा… आज फ़िर दिन ये …2
कल उन्हें इश्क़ था हमसे…
अब ये दिल उनपे आया है…..2

इश्क़-मोहब्बत का जुनून ऐसा तो कभी न था,
जिसको हमने समझा था सनम…
वो तो सनम का ख़्वाब था ।

हाल हम अपनी मुहब्बत का..
बतायें तो बतायें क्या….हाल हम अपनी मुहब्बत का…2
दर्दे बदहाल ख़्वाबों को…
सजाएँ तो सजाएँ कैसे…

कदम क्यूँ ठहर जाते हैं…
गली से जब वो गुजरते हैं…2

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
Ravikesh Jha
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कहां बैठे कोई , संग तेरे यूं दरिया निहार कर,
कहां बैठे कोई , संग तेरे यूं दरिया निहार कर,
shubham saroj
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
G
G
*प्रणय*
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
धीरे-धीरे क्यों बढ़ जाती हैं अपनों से दूरी
पूर्वार्थ
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
surenderpal vaidya
यादों से निकला एक पल
यादों से निकला एक पल
Meera Thakur
3217.*पूर्णिका*
3217.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
Piyush Goel
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
Anil Mishra Prahari
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
Sonam Puneet Dubey
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
दीपक झा रुद्रा
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
Loading...