क़त्लकर देर ना कर
क़ातिल क़त्लकर देर ना कर
सुबह -ए- शाम महर ना कर
क़हर बरपाना है तो जल्दी-२
क़त्ल हुए को तो क़त्ल ना कर ।।
?मधुप बैरागी
क़ातिल क़त्लकर देर ना कर
सुबह -ए- शाम महर ना कर
क़हर बरपाना है तो जल्दी-२
क़त्ल हुए को तो क़त्ल ना कर ।।
?मधुप बैरागी