राम मंदिर
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
अतीत
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
2122 :1222 : 122: 12 :: एक बार जो पहना …..