इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 5🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)