ॐ साई राम
बाबा जी मैं जपूं तेरा नाम
सांई नाम की अलख जगा ले
भोली सी सूरत अपने मन में बिठा ले
सच्चा प्यारे सांई नाम
बाबा जी जपूं मैं तेरा नाम
कृपा दृष्टि की तेरी माया
मन कोमल मृदु शीतल काया
तेरी महिमा कोई जान न पाया
मुखमंडल पर आभा की छाया
प्यार का जो अमृत बरसाया
सुमिरन कर लो सांई नाम
बाबा जी मैं जपूं तेरा नाम
मन में अपने भाव जगा लो
जिस चाहे उस रूप में पा लो
मिट जाता मन का अंधियारा
मन को मिलता शांत किनारा
भटके मन का तू एक सहारा
चरणों में हैं चारों धाम
बाबा जी मैं जपूं तेरा नाम
हांथ जोड़ कर करूं प्रणाम
विनती करता सुबह शाम
हर बिगड़े बनते हैं काम
शृद्धा सुमन तुम्हे अर्पण कर
मेरे दिल से निकले सांई राम
शिरडी मंदिर तेरा धाम
बाबा जी मैं जपूं तेरा नाम।|