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31 May 2022 · 1 min read

ह्रदय संवाद बनना है

शब्दों से मुझे हर ह्रदय का अहसास बनना है
अक्षर तृप्ति प्रेम की अक्षर अक्षर प्यास बनना है
आलौकिक काव्य निर्मित पुष्पमाल कर समर्पित
हृदय भाव व्यक्त हो जिससे वो संवाद बनना है

प्रज्ञा गोयल ©®

Language: Hindi
113 Views
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