ह्रदय में जब संतोष
ह्रदय में जब संतोष पलता नहीं है।
जीवन में भी आनंद मिलता नहीं है। ।
सपनों की पूर्णता का सामर्थ्य हो तुममें।
पक्षी भी बिना पंख के उड़ता नहीं है ।।
कड़वी सही लेकिन वास्तविकता यही है।
खो जाए जो एक बार वो मिलता नहीं है ।।
उस दर्द की पीड़ा को स्पर्श करे कोई ।
घावों को कभी अपने जो सिलता नहीं है।
-डॉ फौज़िया नसीम शाद