ह्रदय जब स्वच्छता से ओतप्रोत होगा।
ह्रदय जब स्वच्छता से ओतप्रोत होगा,
‘शाक्य’ न कहीं धुआँ न कहीं मैल होगा।
सच्ची मनोबल से वो हाथ मिलाएं,
प्यार से दुनिया को हम सजाएं।
सपनों की उड़ान, आसमान छूने का हक,
हर कठिनाई को हम पार करें बिना रुके।
स्नेह और समर्पण से जीवन को सजाएं,
हर दर्द-ओ-ग़म को हम खुशियों में बदल दें।
एकता की बुनाई में जोड़ें हम सभी,
यही आपसी मिलन से देश को महकाएं।