हौसलों की उड़ान
नज़ारें चाहे कितने हों,
नज़र तेरी हो मन्ज़िल पर।
कहीं कोई रोक ना ले तू,
थके भी जो तो साहिल पर॥
किसी भटकाव या बहकाव में
कोई रोक ना पाए।
कभी ना हौसला हारे
कदम ठहरे तो हासिल पर॥
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कोई ऐसा नहीं दरिया,
जहाँ तूफ़ान ना आये।
नहीं ऐसा कोई भी पल,
जो तुझे ना आज़मा जाए॥
नहीं ऐसा कोई रिश्ता,
ना पग में बेड़ी पहनाए।
यही दुआ … मेरे प्यारों,
तुम्हें ना डगमगा पाए॥
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कि तेरी जीत मेरी जीत,
कि तेरी हार है मेरी हार।
उदासी ना हों आँचल में,
मिले खुशियाँ तुझे हर बार॥
मिले हर चीज़ वो तुझको,
तू जिसका भी हो हकदार।
यही दुआ मैं करता हूँ,
मेरे भगवान से बारम्बार॥
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✍️✍️✍️✍️✍️ by :
? Mahesh Ojha
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