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22 Oct 2021 · 1 min read

हौसले की उड़ान

हौसले की उड़ान है भाई
आँख में आसमान है भाई

मैं भजन तू अज़ान है भाई
साथ हिन्दोस्तान है भाई

फ़र्क़ उस दौर में रहा होगा
आज सब कुछ समान है भाई

उम्र जिसके तले गुज़ारी है
ज़ुल्फ़ या सायबान है भाई

बेसबब दुश्मनी नहीं अच्छी
जान है तो जहान है भाई

ग़ैर के साथ जंग में अक्सर
तीर तरकश कमान है भाई

बावफ़ा रहके है मिला मुझको
पीठ पर जो निशान है भाई

फ़ैसला कौन दे भला इसमें
न्याय का इम्तिहान है भाई

गीत ग़ज़लें लिये ‘असीम’ आये
आज महफ़िल में जान है भाई
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’

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