हौसले की उड़ान
हौसले की उड़ान है भाई
आँख में आसमान है भाई
मैं भजन तू अज़ान है भाई
साथ हिन्दोस्तान है भाई
फ़र्क़ उस दौर में रहा होगा
आज सब कुछ समान है भाई
उम्र जिसके तले गुज़ारी है
ज़ुल्फ़ या सायबान है भाई
बेसबब दुश्मनी नहीं अच्छी
जान है तो जहान है भाई
ग़ैर के साथ जंग में अक्सर
तीर तरकश कमान है भाई
बावफ़ा रहके है मिला मुझको
पीठ पर जो निशान है भाई
फ़ैसला कौन दे भला इसमें
न्याय का इम्तिहान है भाई
गीत ग़ज़लें लिये ‘असीम’ आये
आज महफ़िल में जान है भाई
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’