Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2021 · 2 min read

‘ हौसले का एहसास ‘

ओह ! कितने दर्द और निराशा में बीता पिछला एक साल , अंधकार की गहरी सुरंग लगता था कभी इस सुरंग से निकल ही नही पाऊँगीं । दो साल पहले का वो दिन बहुत अच्छा भी था और बहुत बुरा भी जब एस पी सर ने कहा ‘ बधाई हो शिवांगी आज से तुम एस आई रेलवे का पद संभाल रही हो ‘ कानों को जैसे यकीन ही नही हो रहा था । पुलिस में जाने का सपना
पदोन्नति के साथ साकार हो रहा था । रात की ट्रेन ( बरेली से देहरादून ) में ड्यूटी थी उसकी साथ में छ: सिपाही भी थे , हर बोगी को चेक कर रही थी तभी फर्स्ट क्लास के केबिन से चिल्लाने की आवाज़ सुनी उसने , खटखटाने पर दरवाज़ा नही खुला चिल्ला कर बोली मैं ‘ मैं रेलवे पुलिस जो भी है दरवाज़ा खोल दो बच तो नही सकते ‘ ये सुन दरवाज़ा खुला तो देखा नीचे खिड़की से चिपक कर एक आदमी औरत बैठे थे औरत रोये जा रही थी , हाथ में चाकू पर्स और पांच साल के बच्चे को पकड़े एक शख्स खड़ा था मुझे चाकू दिखा कर बोला ‘ हटो जाने दो मुझे ‘ मेरे हाथ में पिस्तौल देख कर भी नही डरा उसे पता था बच्चे के चलते मैं कुछ नही कर सकती । मैने रास्ता दे दिया वो ट्रेन का दरवाज़ा खोल कर खड़ा हो गया मुझे बच्चे को बचाना था , मेरी आखों का इशारा कांस्टेबल समझ गया था बिजली की तेजी के साथ मैने बच्चे को उसके हाथ से खिंच कांस्टेबल की तरफ फेंका बच्चा कांस्टेबल के हाथ में , खुद को घिरा देख उसने एक ही झटके में मेरा हाथ पकड़ मुझे ट्रेन के बाहर फेंक दिया । आँख खुलने पर अस्पताल में पड़ी थी हादसा भयंकर था लेकिन मैं उपर वाले की मर्जी से बच गई थी किंतु पैरो ने चलने से मना कर दिया था । पर मैने और डाक्टरों ने हार नही मानी पूरे एक साल इलाज चला भयंकर दर्द से गुज़री मैं और आज सुबह जब वीरता पुरस्कार के लिए अख़बार में अपना नाम पढ़ा तो लगा जैसे मेरे पैरों में फिर से ताक़त आ गई , काँपते पैरों को व्हील चेयर से उतार ओस से भीगी घास पर रखा तो शरीर पसीने से नहा गया लेकिन इतने लंबे समय के बाद इस हौसले के एहसास के लिए ओस की एक बूंद ही काफी थी ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 06/02/2021 )

Language: Hindi
248 Views
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

धीरज धरो तुम
धीरज धरो तुम
Roopali Sharma
तुम हो एक आवाज़
तुम हो एक आवाज़
Atul "Krishn"
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गीता श्लोक अध्याय 1: *अर्जुन विषाद योग* हिन्दी
गीता श्लोक अध्याय 1: *अर्जुन विषाद योग* हिन्दी
अमित
आदि शक्ति
आदि शक्ति
Chitra Bisht
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
..
..
*प्रणय*
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
আমি তোমাকে ভালোবাসি
আমি তোমাকে ভালোবাসি
Otteri Selvakumar
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
आओ तुम्हें चाँद पर ले जाएँ
Indu Nandal
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
बोलतीआँखें 👁️ 👁️
बोलतीआँखें 👁️ 👁️
पंकज कुमार कर्ण
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
Neelofar Khan
हकीम बोला रकीब से
हकीम बोला रकीब से
पूर्वार्थ
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
Sonam Puneet Dubey
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
माहिए
माहिए
आशा शैली
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
आपदा में अवसर
आपदा में अवसर
अरशद रसूल बदायूंनी
तितली रानी
तितली रानी
कुमार अविनाश 'केसर'
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
Anil chobisa
मोहब्बत का तोफा लेकर
मोहब्बत का तोफा लेकर
goutam shaw
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
Loading...