हौसला देना
ग़ज़ल
साथ गर तुम चलो बता देना
मुझको मुश्किल में हौसला देना
लड़खड़ाने लगूँ अगर मैं कहीं
हाथ अपना दे कर उठा देना
मुझको चाहत न हीरे मोती की
तुम मुझे दिल से बस दुआ देना
यह ज़माना ख़िलाफ़ हो चाहे
तब भी अपनी मुझे वफ़ा देना
हाथ जब और थाम ले कोई
तुम मुझे दिल से फिर भुला देना
प्यार बंधन कभी न बँध पाये
पत्र सब आग में जला देना
हों सुधा हम जुदा तो रो रो कर
मत कभी दिल को यूँ सज़ा देना
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
27/12/2022