हो सकता तुम मुझसे बेहतर जानते हो….
हो सकता है तुम मुझसे बेहतर जानते है
क्या सही है गलत है पहचानते
हो,
बहुत कहते हो तुम अपने हो अपने हो…मोनू
क्या दिल से तुम मुझे अपना मानते हो
सूखे पत्ते भवर मे बस उड़ने लगे
भँवर उठते कहाँ से ये जानते है
सागरो मे लहरे बस ही उठती है….
नदियों मे लहर को पहचाने हो….
क्या दिल से तुम मुझे अपना मानते हो….क्या दिल
से……मोनू