हो गया सवेरा कई काम निकल आयेंगे तुम्हे नज़र खोजेंगी फिर शाम निकल जाएगी….
हो गया सवेरा कई काम निकल आयेंगे
तुम्हे नज़र खोजेंगी फिर शाम निकल जाएगी
कहां फुरसत की बनो सिर्फ मकसद
तुम्हे सोचने में ऐसे ही फिर रात निकल जाएगी
अब पता चलता है,कैसे हो कहा हो तुम्हारी हर बात लेकिन मालूम कहां होती है
मैं भी ठीक हूं,अच्छा हूं, दुःख इतना कि याद हो तुम,
लेकिन कहां किससे कहे कि इतने से जान निकल जाएगी।