“””हो कितनी तुम उपकारी——-“””गीत
***महिला दिवस विशेष ***गीत
हो कितनी तुम उपकारी, सारे जगत की हो महतारी।
जन्म दिया धरा पर लाई, यह जीवन है आभारी।।
न्यारी न्यारी हो मां तुम न्यारी, गाएं गुण दुनिया यह सारी।।
रिश्ता ऐसा कौन सा है जो, तुमको नहीं है भाया।
हर बंधन में आपने अपना, फर्ज बखूबी निभाया।।
दिवस आज हैं नारी आपका, मन हमारा हर्षाए।
वंदन करें अभिनंदन तुम्हारा, सम्मान सदा ही पाएं।।
नहीं अगर हो आप जगत में, मुरझाए जीवन की क्यारी।
हो कितनी तुम उपकारी, सारे जगत की हो महतारी।।
नाना रूप धरे हैं तुमने, हर युग में अपना नाम किया।
भूले भटके मानव जन को मंजिल का पैगाम दिया।।
त्याग समर्पण सब कुछ अर्पण, सोच यही तुम रखती हो।
रिश्ते नाते कई अनेकों, हर रिश्ते में महकती हो।।
बिना आपके कैसा जीवन, कैसी दुनियादारी।।
हो कितनी तुम उपकारी, सारे जगत की हो महतारी।।
राजेश व्यास अनुनय