Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2021 · 1 min read

होश – ओ- हवास

मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा।
मैं तो बस अपनी ही तलाश में रहा।
काट लिया है भूलने का कीड़ा अबतो,
जो कितने दिन से मेरी लिबास में रहा।
मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा।
दूरियां बेहतर हैं गर दुखदायी न हो।
हर एक पल में गर तनहाई न हो।
तनहाई का दौर अब हर एहसास में रहा।
मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा।
तीरंदाज अब तीर बातों का चलाता है।
बदले दौर को वह इस कदर दिखाता है।
इस बदल को देखकर हताश मैं रहा।
मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा।
सच्चाई अब सामने आती कहाँ है।
दुनिया सच्चाई बताती कहाँ है।
मजा तो अब कोरी बकवास में रहा।
मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मन मंदिर के कोने से 💺🌸👪
मन मंदिर के कोने से 💺🌸👪
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
क्या बचा  है अब बदहवास जिंदगी के लिए
क्या बचा है अब बदहवास जिंदगी के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
ସଦାଚାର
ସଦାଚାର
Bidyadhar Mantry
आप या तुम
आप या तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
चंद्रकक्षा में भेज रहें हैं।
Aruna Dogra Sharma
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
*दशरथ (कुंडलिया)*
*दशरथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll
गुप्तरत्न
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
gurudeenverma198
वोट डालने जाना
वोट डालने जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
"सच कहूं _ मानोगे __ मुझे प्यार है उनसे,
Rajesh vyas
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
🙅कर्नाटक डायरी🙅
🙅कर्नाटक डायरी🙅
*Author प्रणय प्रभात*
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
Neelam Sharma
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
Swami Ganganiya
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
Loading...