Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

होली

बसंत ऋतु आते ही
प्रकृति का उत्सव छाया
धरती रंग बिरंगी हो आई
नई कलियां नई फूल ले आई
प्रकृति नए रंगों से सज आयी
धरा दुल्हन सी लगती
चलो हम भी इस उत्सव को
प्रकृति सा होली का उत्सव मनाये
अपने दुख भरे सफेद कपड़ो में
खुशी के रंग डाल आये
अपनी आत्मा के रंगों से रंग आए
कभी सूर्यास्त के सारे रंग दिल में भर आए
कभी उन्हें इंद्रधनुष सा आकाश में सजाये
कुछ स्वरों मे गाए नाचे और मुस्कुराए
प्यार के रंग से सारा तन रंग आए
प्रेम का श्रृंगार कर अपने मन को सजाये
चलो आज होली का त्यौहार मन से मनाये
ताल मृदंग मजीरा मन में बजाये
जिंदगी के सारे गम दिल से हटाए
प्रेम के रंग में डूब जाए
संसार के सारे झूठे बेरंग रंग
अपने दिलों से हटाए
प्रेम रंगों से ही दिल को सजाये
कृत्रिम रंगों की होली अब ना मनाये
प्यार के रंगों में डूब जाये
काम क्रोध द्वेष ईर्ष्या की होली जलाएं
दिल में जमीन नफरतों को
प्रेम साबुन लगा छुड़ाए
अपने प्रेम का गुलाबी गुलाल
हर के गालों पर लगाये मुस्कुराए
प्रकृति की तरह ही
होली का त्योहार मनाये
‌मौलिक एवं स्वरचित
‌‌ मधु शाह (२५-३-२४)

1 Like · 146 Views

You may also like these posts

सुस्वागतम्
सुस्वागतम्
Diwakar Mahto
बसंत
बसंत
Dr Archana Gupta
3769.💐 *पूर्णिका* 💐
3769.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं दीपक बनकर जलता हूं
मैं दीपक बनकर जलता हूं
Manoj Shrivastava
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
तुम
तुम
Dushyant Kumar Patel
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"जिद और जुनून"
Dr. Kishan tandon kranti
खामोशी ने मार दिया।
खामोशी ने मार दिया।
Anil chobisa
आँख मिचौली जिंदगी,
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय*
बोल मजीरा
बोल मजीरा
कुमार अविनाश 'केसर'
आज तुम्हें फिर...
आज तुम्हें फिर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
- हम तुम्हारे बिना अधूरे है -
- हम तुम्हारे बिना अधूरे है -
bharat gehlot
***
*** " मन मेरा क्यों उदास है....? " ***
VEDANTA PATEL
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
वो हमें कब
वो हमें कब
Dr fauzia Naseem shad
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
"तितली जैसी प्यारी बिटिया": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी मोहब्बत का चाँद
मेरी मोहब्बत का चाँद
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
आईना
आईना
Sûrëkhâ
नवगीत : हर बरस आता रहा मौसम का मधुमास
नवगीत : हर बरस आता रहा मौसम का मधुमास
Sushila joshi
सच का राही
सच का राही
Rambali Mishra
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
gurudeenverma198
*तजुर्बा*
*तजुर्बा*
Pallavi Mishra
दास्तान-ए-दर्द!
दास्तान-ए-दर्द!
Pradeep Shoree
Loading...