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18 May 2024 · 1 min read

होली

बुरा ना मानो होली है यह हमरे दिल की बोली है

लेकर आई होली , जब वसंत के रंग
क्यों न खेलें हम सभी , प्रकृति के संग
छोड़ें रासायनिक रंग , खेलें प्राकृतिक रंग
छोड़ें रंजो गम , रहें एक दूजे के संग
होता रंग में भंग , इसलिए कम खाएंगे भंग
ओम् दूर कुसंग से , करते रहें सुसंग

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्य प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 47 Views
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
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