होली
आज मैं होली कैसे खेलूंगी जा मंहगाई के संग।
बिना जेब की शर्ट है मेरी, जेबें हो गई भंग
रंग में होली कैसे खेलूंगी जा मंहगाई के संग।
बदन पसारे महंगाई खड़ी है, कौनसा लेलू रंग।संग में होली कैसे खेलूंगी जा मंहगाई के संग।
खेलें होरी,पी,पीकर कोई न डालें रंग।
देखो पड़ोसी खेल रहे,बन करके हुड़दंग।
आज मैं होली कैसे खेलूंगी जा मंहगाई के संग।
डेली,खोदू,डेली पीना, प्रतिदिन काम हमारा है।
शोषण करने वाले कहते हैं,महान देश हमारा है।