Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2022 · 1 min read

होली

ये जीवन भी है जैसे होली
जज्बातों की बनी रंगोली ।
सुख औ दुःख रंग हैं यारों
मलतें हैं वो जैसे हमजोली
खुशी की है पिचकारी भी
तो कभी है गमों की रोली ।
सूबह इमरती ,शाम गुलाल
रातें हुड़दंग सपनों की टोली ।
तरह-तरह के रंग रिश्तों मे
कुछ सगे हैं कुछ मुहँबोली।
क्यूँ न हर दिन ही पर्व मनाएँ
मिलकर करें हँसी ठिठोली ।
-अजय प्रसाद

1 Like · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जनहित (लघुकथा)
जनहित (लघुकथा)
Ravi Prakash
ज़िंदगी मो'तबर
ज़िंदगी मो'तबर
Dr fauzia Naseem shad
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
फिर वसंत आया फिर वसंत आया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Lokesh Sharma
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पंजे से पंजा लड़ाए बैठे
*प्रणय प्रभात*
राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध।
राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध।
सत्य कुमार प्रेमी
"सोज़-ए-क़ल्ब"- ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विवशता
विवशता
आशा शैली
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
sudhir kumar
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...