“होली”
होली खेलो यार मीत ,यह बात मैं दिल से करता हूं।
रंग में भर के प्यार आज,दुनिया को रंग मैं रंगता हूं।
प्रेम का आधार है होली।
मिलन का त्यौहार है होली।
दिलों का प्यार है होली।
खुशी का संसार है होली।
खुशियां मनाओ आज, यह दरकार सभी से करता हूं।
रंग में भर के प्यार आज,दुनिया को रंग में रंगता हूं।
होली का उद्धार है होली।
धर्म और संस्कार है होली।
दिलों का तार है होली।
प्रीत का इजहार है होली।
गले मिलो सभी यार,नफरत से नफरत करता हूं।
रंग में भर के प्यार आज, दुनिया को रंग में रंगता हूं।
मदहोशी का रंग है होली।
भंग की हुङदंग है होली।
तम से सत की जंग है होली।
संस्कृति का अंग है होली।
मिले दुआ भी यार,ईश से वंदन हरदम करता हूं।
रंग में भर के प्यार आज,दुनिया को रंग में रंगता हूं।
प्रशांत शर्मा “सरल’
नरसिंहपुर
9009594797