Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2018 · 2 min read

होली

? ? ? ?
ले पिचकारी श्याम की, देना तन मन रंग।
भक्ति भाव रस प्रेम से, भींगा मेरा अंग ।। 1

होली ने दस्तक दिया , मौसम घोले भंग।
कहीं कहीं महफिल जमी, कहीं कहीं हुड़दंग।। 2

लौंगा और इलाइची, का लगवाया पान।
सुन कर मेरी प्रार्थना, जुटे सब मेहमान।। 3

होली ऐसी मद भरी, बूढ़े हुए जवान।
नैनों से घायल करें, मारे तीर कमान।। 4

होली के दिन भूलिए, भेदभाव अभिमान।
तन मन को निर्मल करे, प्रेम रंग पहचान। 5

रोम-रोम चंपा घुली, बेला महके अंग।
अबके होली जो मिले, पिया हमारे संग। 6

गोरे गोरे अंग पर, चढ़े चटख सब रंग।
लाल नील पीले हरे, रँगे अंग प्रत्यंग।। 7

होली आई सोच के, कब से हुए अधीर।
बालम आये फाग में, फिर से उड़े अबीर।। 8

हर दिन हर पल हर घड़ी, खेल रहा दिल फाग।
मेरे मन में बह उठे, मृदु शीतल अनुराग।। 9

मौका आया यार ने, डाला नहीं गुलाल।
मुरझाये से ही रहे, मेरे दोनों गाल।।10

गली गली टोली चली, उड़े अबीर गुलाल।
धरती से आकाश तक, लागे लालम लाल।। 1 1

सजे हमारे आँगना, होली के त्योहार।
बुरी बलाये दूर हो, शगुन सजाये द्वार।। 12

हर्बल रंगों का करें, होली में उपयोग।
होते कृत्रिम रंग से, कई तरह के रोग।। १३

हल्दी चंदन फूल से, स्वयं बना ले रंग।
खुशियों के त्योहार में, नहीं पड़ेगी भंग।।१४

थोड़ा सरसों तेल से, सिर पर करें मसाज।
रंगों के नुकसान से, बचने का यह राज।। १५

हल्दी, चंदन, फूल से करें रंग तैयार।
त्वचा नर्म कोमल रहे, सौन्दर्य में निखार।। १६

खेलें हर्बल रंग से, होली अबकी बार।
कृत्रिम रंगों का करें, सब मिलकर प्रतिकार।। १७

वाह वाह क्या बात है, नहीं अबीर गुलाल।
खाली हाथ खड़ा रहा, नाम केजरीवाल।। १ ८
? ? ? ? —लक्ष्मी सिंह ? ☺

Language: Hindi
427 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
*जंगल की आग*
*जंगल की आग*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तितली तुम भी आ जाओ
तितली तुम भी आ जाओ
उमा झा
4307.💐 *पूर्णिका* 💐
4307.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
गंभीर बात सहजता से
गंभीर बात सहजता से
विनोद सिल्ला
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
किशोरावस्था और आजादी
किशोरावस्था और आजादी
ललकार भारद्वाज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
गरीब की दिवाली।
गरीब की दिवाली।
Abhishek Soni
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ऐ आसमान ....
ऐ आसमान ....
sushil sarna
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
यूँ तो बिखरे हैं
यूँ तो बिखरे हैं
हिमांशु Kulshrestha
ब्रह्मांड अस्तित्व
ब्रह्मांड अस्तित्व
Mahender Singh
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
हिन्दी भारत की शान
हिन्दी भारत की शान
Indu Nandal
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
तुम कहो या न कहो
तुम कहो या न कहो
दीपक झा रुद्रा
Children's is the chacha Nehru Fan.
Children's is the chacha Nehru Fan.
Rj Anand Prajapati
"सूत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
कुछ अजीब से रिश्ते
कुछ अजीब से रिश्ते
लक्ष्मी सिंह
*दुलहिन परिक्रमा*
*दुलहिन परिक्रमा*
मनोज कर्ण
मैंने उसे जुदा कर दिया
मैंने उसे जुदा कर दिया
Jyoti Roshni
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
- तेरा सवाल मेरा जवाब -
- तेरा सवाल मेरा जवाब -
bharat gehlot
Loading...