होली है हाँ होली है भाई होली है
होली है हां होली है भाई होली है।
रानी के हाथों में कुमकुम चंदन है
राजू के माथे पर अक्षत रोली है।
बच्चों संग बुजुर्गों की हमजोली है।
होली है हां होली है भाई होली है ।
सब के ऊपर रंग प्यार के बरसेंगे
हम मिलकर माहौल खुशनुमा कर देंगे।
आसमान में इंद्रधनुष खिल जाएंगे
हम बाहों में आज शत्रु को भर लेंगे।
स्वागत को आतुर दिल की दहलीजों पर
मुस्कानों के फूलों की रंगोली है ।
होली है हां होली है भाई होली है।
गुझिया खुरमा राजभोग ठंडाई से
खिदमत करके कीर्तिमान गढ़ने को हैं।
रंगों की भीनी भीनी मदहोशी में
बोझिल पग भी एवरेस्ट चढ़ने को हैं।
उनके पास अमीरी का तमगा होगा
जिनके पास धरोहर हंसी ठिठोली है।
होली है हां होली है भाई होली है।
संजय नारायण