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13 Mar 2017 · 1 min read

“होली” सायली छंद

सायली छंद
(१, २, ३, २ ,१ )
होली
उमंग
रंग -बिरंगी
तन-मन छाई
प्यारी होली
आई।

बरसा
टेसू रंग
आँगना भीगी चोली
खूब खेली
होली

थिरका
अंग-अंग
झूमे -नाचे टोली
रंग-रंगीली
होली

गाल
अबीर -गुलाल
भीगी चूनर झीनी
रासरंग डूबी
होली

पकड़
कलाई मरोड़ी
भर पिचकारी रंग
भीगे राधा
अंग

हिलमिल
गोपी-ग्वाले
खेलें श्यामा भोली
कान्हा संग
होली

डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”

Language: Hindi
2 Comments · 1104 Views
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Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
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