“होली” सायली छंद
सायली छंद
(१, २, ३, २ ,१ )
होली
उमंग
रंग -बिरंगी
तन-मन छाई
प्यारी होली
आई।
बरसा
टेसू रंग
आँगना भीगी चोली
खूब खेली
होली
थिरका
अंग-अंग
झूमे -नाचे टोली
रंग-रंगीली
होली
गाल
अबीर -गुलाल
भीगी चूनर झीनी
रासरंग डूबी
होली
पकड़
कलाई मरोड़ी
भर पिचकारी रंग
भीगे राधा
अंग
हिलमिल
गोपी-ग्वाले
खेलें श्यामा भोली
कान्हा संग
होली
डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”