होली में हुड दंगा करले ….…
……..गीत
होली में हुड दंगा करले ……
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होली में हुड दंगा करले, आजा थोडा दंगा करले
उम्र जवानी की थोडी है, प्यार में थोडा पंगा करले
होली में हुड दंगा करले ……….
आजा रंग जा मेरे रंग में , तू जचती है मेरे संग में
बहुत दिनों से मिले नही है , यादों को फिर चंगा करले
होली में हुड दंगा करले ……….
इधर उधर क्यूं बचती फिरती, नजरें क्यूं तू चार ना करती
मौका अच्छा है मिलने का , खुद को आज पतंगा करले
होली में हुड दंगा करले …………
छोडेगें ना हम हम जोली , भीगे चाहे चुनरी चोली
तेरे चाचा से नही डरते , चाहे जैसा पंगा करले
होली में हुड दंगा करले …………….
रंगो की इस रंगोली में , आ भी जा मेरी खोली में
मै “सागर” तू नदीयां बन जा, प्यार को मस्त मलंगा करले
होली में हुड दंगा करले ……………!!
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मूल रचनाकार …..
डाँ. नरेश कुमार “सागर”
9897907490