Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2020 · 1 min read

….. होली में हुड़दंगा करले

= होली में हुड़दंगा करले=
================
होली में हुड़दंगा कर ले, आजा थोड़ा दंगा कर ले ।
उम्र जवानी की थोड़ी है, प्यार में थोड़ा पंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..

आजा रंग जा मेरे रंग में, तू जंचती है मेरे संग में ।
बहुत दिनों से मिले नहीं है, यादों को फिर चंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..

इधर-उधर क्यूं बचती फिरती, नजरें क्यूं तू चार ना करती ।
मौका अच्छा है मिलने का ,खुद को आज पतंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………….

छोड़ेंगे ना हम हमजोली, भीगें चाहे चुनरी -चोली !
तेरे चाचा से नहीं डरते, चाहे जैसा दंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले…………..

रंगो की इस रंगोली में, आ भी जा मेरी खोली में ।
मैं “सागर” तू नदिया बन जा, प्यार को मस्त मलंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..!!
======
मूल गीतकार ….
डॉ. नरेश कुमार “सागर” जिला… हापुड़… उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
जब मैं परदेश जाऊं
जब मैं परदेश जाऊं
gurudeenverma198
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
माशूक की दुआ
माशूक की दुआ
Shekhar Chandra Mitra
कौआ और बन्दर
कौआ और बन्दर
SHAMA PARVEEN
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
पूर्वार्थ
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
लक्ष्मी सिंह
"विदाई की बेला में"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
आदमी से आदमी..
आदमी से आदमी..
Vijay kumar Pandey
अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज
अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज
Sanjay ' शून्य'
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
झूठे सपने
झूठे सपने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चलो आज खुद को आजमाते हैं
चलो आज खुद को आजमाते हैं
कवि दीपक बवेजा
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2898.*पूर्णिका*
2898.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ताजा समाचार है?
ताजा समाचार है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नारी जगत आधार....
नारी जगत आधार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कजरी
कजरी
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...